नमस्कार किसान भाइयों आज हम बात करेंगे कि गेहूं में अभी जो समस्याएं चल रही है उनसे किस प्रकार निदान पाया जाए और किस प्रकार एक अच्छी उपज की ओर बढ़ा जाए, सबसे पहले बात कर लेते हैं कि इस साल हुआ क्या है तो इस साल क्या हुआ है कि जो औसतम तापमान रहता है उसे करीब 2 से 3 डिग्री तापमान हमारा दिन का और रात का भी बड़ा, इस कारण से क्या हुआ कि शुरुआती अवस्था में जड़माहू का प्रकोप आया जिसके कारण हमने आपको सभी दवाइयां बताई जिनमें काफी अच्छे रिजल्ट भी आपको मिले होंगे |
जो जिंक EDTA, होता है वह चेलेटेड फॉर्म का होता है मतलब थोड़ा ठंडा फॉर्म का आपका जिंक मिलता है जिससे क्या होता है कि न्यूट्रिशन अब्जॉर्प्शन स्पीड से होता है और आपकी जो पौधा है उसे ठहराव मिलता है| तो जिंक का साथ में स्प्रे करना है लियोसिन चमत्कार या फिर पैक्लोबुट्राज़ोल, मतलब बहुत सारे ताबोली तो कोई विद्युत तो अलग-अलग नाम से आ रही है| तो इनमें से किसी एक को सेलेक्ट करके इसे आपको कंपनी डोज़ पर डालना है, उसके साथ आपको फ्लेग लीफ पर जिंक EDTA भी मिक्स करके
डालना है,जिंक EDTA, के रिजल्ट मिलेंगे,और बहुत अच्छे रिजल्ट्स इसके मिलते हैं| फिर आपको क्या करना है कि क्योंकि आप स्प्रे कर ही रहे हैं फ्लैग लीप के ऊपर तो उसमें एक फंगीसाइड का स्प्रे भी जरूर करें, फागीसाइड अगर देखा जाये तो गेहूं को उतनी ज्यादा जरूरत नहीं होती है, लेकिन क्या है कि समय को देखते हुए क्योंकि मौसम जो है वह हर दिन परिवर्तन होते जा रहा है, आप देख रहे हैं कल धूप है आज बादल हो जाते हैं,परसों के दिन हल्के से छूट गिरते हैं अगले दिन देखते हैं मौसम क्लियर हो जाता है| ऐसा में क्या होता है कि पौधे को यही समझ नहीं आता है कि मुझे करना क्या है तो इस अवस्थित में क्या होता है पौधे के अंदर स्ट्रेस जनरेट होता है स्ट्रेस का मतलब तनाव और जो तनाव होता है उसे फंगीसाइड बहुत अच्छे तरीके से रिटर्न करते हैं मतलब उसको रिकवर करते हैं| इसलिए फंगीसाइड का स्प्रे फफूंदी नाशक का स्प्रे हमें करना ही चाहिए, उसे अवस्था में जब पौधे को सबसे ज्यादा जरूरत हो, तो ये जो अवस्था है इसमें दो फायदे होने वाले है, एक तो फीजरियम हेडस्केप मतलब जो उमवी बनती है उसके अंदर जो दाना खाली रहने की समस्या होती है जिसे हेडस्केप कहा जाता है उससे भी हम बच सकते है, दूसरा आपको जो फायदा मिलता है वो यह है कि आपका जो टॉनिक का असर आता है फाइटो टॉनिक जो पौधे के अंदर बनता है इससे आपकी उपज में और ग्रेन की क्वालिटी और ग्रेन के वजन में काफी परिवर्तन आता है, इसलिए आपको लियोसिन और जो जिंक है उसके साथ आपको फफूंदी नाशक मिलना है,फफूदी नाशक मैं आपको कोई ऐसा विशेष फोर्स नहीं करूंगा क्योंकि जो चीजों को मैं फोर्स करता था जैसे मैंने कहा था कि नेटिवों का आप स्प्रे करे, बहुत अच्छा रिजल्ट है तो उसके अंदर डुप्लीकेसी भी उतनी ही ज्यादा बढ़ गई है काफी लोग मेरे को फिर कहते हैं कि भाई साहब हमने नेटिवों डाला उसका रिजल्ट नहीं मिला तो मैं क्या किया कि इस बार आपको कंबाइन सॉल्यूशन दिया है| उसके अंदर आप इंपैक्ट एक्स्ट्रा (Ampect Xtra),गैलिलियो वय Galileo Way, नेटिवों फंगीसाइड Nativo Fungicide, (अमिस्टार टॉप) amister Top, या कस्टोडिआ Costodia Adama, जिनके अंदर दोनों केमिकल हो, मतलब टेबुकनोजोल वाला जो ट्राइजोल ग्रुप होता है, उसका ग्रुप केमिकल भी हो, और स्ट्रोबिलिन्स ग्रुप वाला जैसे पायरक्लोस्ट्रोबिन या फिर एजोस्ट्राबीन ऐसा जो एक्सोस्ट्रोबॉलिन्स ग्रुप का केमिकल हो, उन दोनों की मात्रा वाला जो केमिकल कांबिनेशन है उसे डालना है और उसमें एक चीज ध्यान यह रखती है कि जिसमें ट्राइजोल की मात्रा ज्यादा हो, जिसे कस्टोडियन को अगर हम एग्जांपल पहले तो उसमें ट्राइजोल जो है वह मात्र तेज आ रही है और जो स्ट्रोबिलिन्स है वो कम मात्रा में आ रहा है| तो ऐसे जो केमिकल है इनको आप प्राथमिकता में ले और इनका आप पर एकड़ पर कंपनी डोज़ जो दिया गया है उसमें स्प्रे करें, यह बात ध्यान रखें कि इन सब का आपको कंपनी डोज लेना है| क्या हो रहा है फंगीसाइड के साथ रिजल्ट ना आने की सबसे बड़ी समस्या की किसान को कह दिया जाता है कि आप तो कस्टोडिआ जो है जिसका डोज़ जो है वो तीन एकड़ से थोड़ा बहुत ही ज्यादा है उसको कह देते हैं कि आप तो 6-7 एकड़ में डाल दो, तो जब 6-7 एकड़ में आप डाल देते हैं तो दवाई दो-तीन दिन असर करती है और अंडर डोजिंग की वजह से दवाई का रिजल्ट जो है वह फेल हो जाता है| तो इसकी डोजिंग आपको प्रॉपर कंपनी पर जो डोज़ आता है उसकी मात्रा उपयोग करनी है जिससे कि आपको ज्यादा बेहतर रिजल्ट मिलेगा, अगर आपके एरिया में यह चीज ऑप्शनल है अगर आपके एरिया में आपको दिख रहा है कि आपकी फ्लैग लीप पर इल्ली का प्रकोप है| क्योंकि काफी जगह मैंने ऑब्जर्व किया है कि फ्लैग लीप पर इल्ली का प्रकोप होता है, अगर आपके यहां ऐसी अवस्था बन रही हो तो इमामेक्टिन बेंजोएट जो की सबसे सस्ता केमिकल है, इल्लियों को करने के लिए और ठंड में सबसे ज्यादा कारगर भी है| उसका आप स्प्रे 60 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से कर सकते हैं | और अगर आपके यहां पर समस्या नहीं दिख रही है तो आप जबरदस्ती इसका स्प्रे ना करें, क्योंकि वैसे कोई मतलब विशेष आता नहीं है उसकी वजह आप हल्का-फुल्का कीटनाशक जो बहुत ही सस्ता हो वो ले सकते हैं लेकिन क्लोरोपीरीफोस का उपयोग न करें, क्योंकि क्लोरोपीरीफोस जो होती है वह फाइटो टॉक्सिक होती है, टॉक्सिक का मतलब ही होता है कि क्लोरोफिल को काम करती है, तो उसे दवाई से आपको नुकसान हो सकता है| इस प्रकार जो है आपको एक बेहतर सॉल्यूशन मिलेगा इसके अंदर आप हर चीज को कर कर लेंगे, अगर आपके यहां फफूंद का प्रकोप है, तो उसमें कवर भी होगा प्लस वह टॉनिक का काम करेगा| आपको हाइट रोकने के लिए एक लियोसिन और या चमत्कार या पैक्लोबुटोजोल मिलेगा| जिससे कि आपका पौधे रुखेगे, रुखेगे तो बलि का साइज बढ़ेगा, पौधे के अंदर ठहराव रहेगा, तो लंबे समय में पकेगा, जिससे आपकी उपज बढ़ेगी| और यह लॉजिंग को मतलब गिरने की जो समस्या है, उसे भी रिकवर करेगा| साथ ही साथ जो चौथ मटेरियल मैंने आपको बताया जिंक EDTA क्योंकि हर गेहूं के दाने में जिंक का प्रतिशत होता है| इस कारण से गेहूं क्यों जिंक की मात्रा जो है हमारे एरिया में सबसे ज्यादा लगती है| और भारत की जितनी भी जमीन है वह जिंक डिफिशिएंट है मतलब उसमें जिंक की कमी है, इस कारण में जिंक की सलाह गेहूं में हमेशा देता हूं, इन सबको मिलकर के आप डालेंगे तो आपके पास क्या होगा कि गेहूं जो है वह एक बेहतर अवस्था में हाथ में आएगा| इस प्रकार इन कांबिनेशन को आप ध्यान रखकर अपने खेतों में स्प्रे करें, जिससे कि आपकी जो उपज है वह अच्छी आए और साथ ही साथ आप वॉच करते रहें, मतलब देखते रहे अगर आपके यहां कोई विशेष समस्या है| तो हमें कमेंट करके बताएं तो उसका भी सॉल्यूशन हम आपको आगे बहुत जल्द दे देंगे बाकी पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद |
किसान भाइयों मेरे द्वारा आपको जो जानकारी बताई गई है वह कैसी लगी आपको, कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं और अपने दूसरे किसानों को भी इस जानकारी से अवगत कराएं। और इस जानकारी को किसान भाइयो में आवश्यक शेयर करें । धन्यवाद!
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