सोयाबीन NCR वैराइटी की 3 नवीनतम किस्में विकसित की है, जो रोगप्रतिरोधक और कम समय अवधि की है | (Soybean Ki New Kism)
किसान भाइयो नमस्कार,आज हम इस उल्लेख के माध्यम से सोयाबीन की नवीनतम किस्मो (Soybean Ki New Kism) : आपको बता दे की सोयाबीन की ये तीन किस्मे जो की भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान इंदौर में कृषि वैज्ञानिकों के दुवारा कड़ी महेनत के बाद उपस्थित की है।ताकि किसानो को सॉयबैंकि खेती से अधिक पैदावार मिल सके, और सोयाबीन कि फसल में जो लगने वाले रोग और कीटो से छुटकारा मिले, इसके लिए नई नई खोज कर कृषि वैज्ञानिकों निरंतर अनुसंधान में काम कर रहे है।(Soybean Ki New Kism)
अगर हम बात करें मध्य प्रदेश इंदौर की तो इंदौर में सोयाबीन अनुसंधान संस्था के कृषि वैज्ञानिकों ने तीन सोयाबीन की नई किस्म की पहचान की है, अगर हम बात करें कि वह तीन नई किस्म में कौन सी है| तो किस्म में, इसमें सबसे पहले है NRC 181 उसके बाद में है NRC 188 और NRC 165 यह तीन नई किस्म की पहचान की गई है| लेकिन इस पर सोयाबीन की उन्नत किस्म के अधिसूचित अभी जारी नहीं की गई है, जब तक अधिसूचित जारी नहीं होगी, तब तक के किसानों को इसका बीज प्राप्त नहीं होगा या उपलब्ध नहीं हो पाएगा| आज के इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने वाले हैं, जानने वाले हैं कि सोयाबीन के लिए तीन नए किस्मो में क्या खासियत है, या क्या खास बात है, उसके लिए आप यह आर्टिकल को अंत तक जरूर पड़े |
आज के इस smartkhetikisani.com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की NRC सोयाबीन की नवीनतम 3 किस्म कौन कौन सी है, और इन किस्मों की खासियत क्या है,इन सभी मुद्दों के लिए आप इस लेख के अंत तक हमारे साथ बने रहे।
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सोयाबीन की नई किस्में (Soybean Ki New Kism)
(Soybean Ki New Kism) अब अगर हम बात करें तो आमतौर पर सोयाबीन की कई विविध किस्म है, और निकल गई है पर यहां पर हम आपको तीन किस्म के बारे में बताने वाले हैं, जो की बहुत खास है इन तीन किस्म में क्या रोग सामने आते हैं, और इसमें क्या सहनशील करने की शक्ति है| इसके लिए सोयाबीन की यह तीनों किस में किसानों को कितना मुनाफा दे सकती है| और इसकी क्या उत्पादन रहता है, क्योंकि इस सोयाबीन की नई किस में बहुत कम यानी की ना के बराबर रोग लगते हैं| और इसका उत्पादन जो है वह अधिक बताया गया है सरकार के द्वारा, तो क्या वास्तव में सही है |
सोयाबीन NRC 188 किस्म : (Soybean Ki New Kism)
अगर मैं बात करूं सोयाबीन एनआरसी 188 की तो यह सोयाबीन की उन्नत किस्म काफी अच्छी है| और काफी ज्यादा सुंदरता बताई जा रही है, जब पौधों में फूल दिखाई देते हैं, तो इसके जो फूल होते हैं वह बैगनी कलर के होते हैं, भैया अगर हम इसकी फलियां की बात करें तो इसमें जो फलिया होती है थोड़ी चिकनी होती है और फिर आप मटर की फलियां की तरह इसे खा सकते हैं| मतलब इस टाइप से होती है, सोयाबीन की यह किस्म में एनआरसी 188 मध्य विस्तार में उपयुक्त है, सोयाबीन की इस नई किस्म एनआरसी 188 के बीच बुवाई मुख्य खेत में बुवाई करने के बाद लगभग 77 दिन में अच्छे से पककर तैयार हो जाती है| मतलब इसकी अवधि होती है वह 77 – 80 दिन में पककर तैयार हो जाती है| अगर हम इसके उत्पादन की बात करें तो इसका जो उत्पादन बताया गया है सरकार द्वारा वह एक हेक्टेयर के हिसाब से 46 क्विंटल तक हरि फलियों का उत्पादन प्राप्त होता है| जो काफी ज्यादा अच्छा उत्पादन है, और इसमें रोग प्रतिरोध भी कम लगता है, और इसका जो फूल होता है बैगनी कलर का होता है| वह फलिया एकदम मटर जैसी होती है, ओवरऑल देखा जाए तो काफी अच्छा है, और इसमें रोग प्रतिरोध क्षमता भी अच्छी रहती है, मतलब की जो एरियल ब्लाईट, होता है चारकोल, जड़ सड़न जिसे बोलते हैं और वहीं अगर मैं बात करूं तो लीव ऑफ स्पॉट जो होता है उसकी भी प्रतिरोधी है ओवरऑल देखा जाए तो काफी अच्छी किस्म है कम दिन की अवधि वाली किस्म है|
सोयाबीन NRC 181 किस्म : (Soybean Ki New Kism)
सोयाबीन की यह किस्म के बात करें तो यह किस्म भी काफी अच्छी किस्म है, (Soybean Ki New Kism)अगर हम इसके पौधे की बात करें तो इसका जो पौधे का जो होता है वह सफेद रंग के फूल इसके अंदर खिलते हैं| और यही अगर हम बात करें तो इसमें भूरे नाभिका और भूरे रोयें होते हैं| और सोयाबीन की है उन्नत किस्म जो है वह काफी अच्छी है, मतलब कि इसमें पीला मौज एवं टारगेट लीफ ऑफ स्पोर्ट के लिए प्रतिरोधी है | यह किस्म में राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाईट, चारकोल सड़न एवं एन्थ्रेक्नोज के प्रति संवेदनशील है। मतलब उसके प्रति यह सहनशील है, सोयाबीन की यह किस्म हमारे देश के मध्य विस्तार के लिए अनुरूप है, मतलब हम मध्य भारत में सोयाबीन को लगा सकते हैं| और अगर आपने बीजाई करी उसके ठीक 90 दिन बाद यह अच्छे से पक कर तैयार हो जाती है| यह एक साथ पूरी पकती है, और इसके जो हेक्टेयर की बात करें तो उत्पादन की तो यह एक हेक्टेयर के हिसाब से 17 क्विंटल प्रति उत्पादन है इसका प्राप्त होता है ऐसा सरकार का कहना है|
सोयाबीन NRC 165 किस्म : (Soybean Ki New Kism)
सोयाबीन की या नहीं उन्नत किस्म के खासियत यह है कि इसके अंदर अगर हम बात करें रोक प्रतिरोध की तो इसके में जो तना मक्खी होती है, पत्ती भक्षकों, और चक्र भृंग होता है, इसलिए बहुत आती सहनशील वैरायटी है|(Soybean Ki New Kism) सोयाबीन की यह किस्म भी हमारे देश के मध्य विस्तार के लिए अनुरूप है, आप जो मध्य भारत होता है, उसमें आप इसकी बीजाई कर सकते हैं| और इन के बीज की बुवाई के बाद लगभग यह 90 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है| इसका उत्पादन जो है एक हेक्टर के हिसाब से 20 कुंतल तक का उत्पादन देती है| जो की काफी अच्छा उत्पादन होता है, और इसके भी जो दान होता है वह भी हल्का सा बड़ा होता है दिखने में अच्छा लगता है|
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