किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए कई प्रकार की फसलों की खेती करते हैं। हर फसल का अपना एक निश्चित समय होता है और उसी समय पर उसकी बुवाई की जाती है। हालांकि आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से अब हर ऋतु में हर तरह फसल बोई जा सकती है, लेकिन इससे उसके स्वाद और क्वालिटी में अंतर आ जाता है। जिस फसल की बुवाई का जो समय है, उसी के अनुरूप यदि फसल की बुवाई की जाए तो अधिक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। साथ ही स्वाद और उसकी क्वालिटी अच्छी होती है। वहीं फसलों की बुवाई का समय भी महीनों के हिसाब से बताया गया है। हमारे देश का कृषि मौसम तीन भागों में विभाजित है। एक रबी सीजन, दूसरा खरीफ सीजन और तीसरा जायद सीजन इसमें शामिल हैं। खेती के इन चरणों में विभिन्न प्रकार की फसलें बोई जाती हैं। वहीं फसलों की बिजाई का समय भी महीनों के हिसाब से बताया गया है। यदि आप जानते हैं कि किस फसल को किस महीने अधिक लाभ मिलता है, तो आप खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
फरवरी माह में किसान किन फसलों की खेती कर सकते हैं?
आज फरवरी का महीना है। फरवरी का महीना सब्जियों की खेती के लिहाज से बहुत अच्छा है क्योंकि इस महीने में कम गर्मी और कम सर्दी होती हैं। इस मौसम में किसान भिंडी, करेला, खीरा, ककड़ी, लौकी, पत्ता गोभी, टमाटर, पालक, अरबी और मिर्च की खेती कर सकते हैं। इनमें से कई कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली सब्जियां हैं। Okra Cultivation सबसे ऊपर है। यह कम समय में बहुत मुनाफा दे सकता है। खास बात यह है कि इसका बाजार मूल्य भी उचित है। इस फसल में नुकसान की संभावना कम है।
फरवरी में भिंडी की खेती से क्या लाभ मिलेंगे?
प फरवरी महीने में भिंडी की अगेती (early okra cultivation) कर सकते हैं। यदि आप भिंडी की खेती से बेहतर पैसे कमाने की इच्छा रखते हैं तो आपको भिंडी की अगेती खेती करनी चाहिए, जिससे भिंडी की फसल मार्केट में सही समय पर पहुंच सके और उसके बेहतर भाव मिल सके। क्योंकि अक्सर किसान भिंडी की बुवाई देरी से करते हैं, जिससे फसल भी देरी से तैयार होती है और फसल मार्केट में पहुंचने में देरी होती है| यही कारण है कि किसान को भिंडी की फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता है। किसानों को अपनी फसल कम भाव पर बेचनी पड़ती है। किसान इस समस्या से बचने के लिए हमेशा भिंडी की अगेती फसल ही लें।
भिंड़ी को अंकुरित करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
फरवरी का महीना भिंडी के अंकुरण के लिए बहुत अच्छा है। इस महीने किसान भिंडी की खेती करके काफी लाभ कमा सकते हैं। इस महीने भिंडी की बुवाई करने पर अंकुरण काफी अच्छा होता है, जिससे बहुत अच्छी पैदावार मिलती है। इसके अलावा, भिंडी के बेहतर उत्पादन के लिए उन्नत किस्म का चुनाव करना भी महत्वपूर्ण है। यदि आप भिंडी की खेती करना चाहते हैं, तो इस माह इसकी बुवाई पूरी कर लेना चाहिए, ताकि गर्मी का सीजन आते ही आपकी भिंडी की फसल बाजार में बिक सके। ग्रीष्मकाल में भिंडी की बहुत मांग होती है। ऐसे में आप भिंडी की फसल को सही समय पर बेचकर लाभ कमा सकते हैं।
उन्नत भिंडी किस्में (Ladyfinger Improved Varieties)
भिंडी की कई उन्नत किस्में अधिक पैदावार दे सकती हैं कम समय में। 50 से 65 दिन में ये किस्में तैयार हो जाते हैं। पूसा सावनी, परभनी क्रांति, अर्का अनामिका, पंजाब पद्मिनी, अर्का अभय आदि भिंडी की प्रजातियां हैं। किसान अपने क्षेत्र के हिसाब से भिंडी की किस्म चुन सकते हैं। इसके लिए किसान अपने राज्य में अनुसंशित किस्म को खेती के लिए इस्तेमाल करें। आप अपने जिले के कृषि विभाग से इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भिंडी फसल के लिए खेत की तैयारी कैसे करें
कृषि विशेषज्ञ कहते हैं कि भिंडी की बुवाई (okra sowing) से पहले खेत को जुताई गहरा करना चाहिए। इसके बाद,(Cultivator) कल्टीवेटर से दो बार हल्की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा कर लें। यदि आपने फसल बुवाई से पहले अपने खेत की मिट्टी की जांच की है, तो आप सिर्फ उन खादों और उर्वरकों का उपयोग करें जो मिट्टी की जांच में सिफ़ारिश बताए गए हैं।
यदि आपने खेत की मिट्टी की जांच नहीं की है, तो 90 किलो यूरिया, 50 किलो डीएपी और 30 किलो एमओपी प्रति एकड़ में प्रयोग करना चाहिए। खेत की जुताई के समय, इसमें से आधा यूरिया, पूरा डीएपी और पूरा एमओपी डालना चाहिए। खड़ी फसल में बची हुई मात्रा का उपयोग करना चाहिए।
भिंडी के बीजों की बुवाई से पहले इन महत्वपूर्ण कार्यों को करें
भिंडी खेती के लिए किसानों को हमेशा उन्नत बीज का चयन करना चाहिए। फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए बीजों को बोने से पहले बीज उपचारित करना चाहिए। जायद भिंडी के बीजों को बिजाई से पहले उन्हें बारह से चौबीस घंटे तक पानी में भिगाना चाहिए। बीजों को इलाज करने के बाद छाया में सुखाकर उनकी बिजाई करना चाहिए। भिंडी के बीजों को 3 ग्राम थीरम या कार्बेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज के साथ बीज उपचारित करना चाहिए। यदि बीज की मात्रा की बात करें तो उन्नत भिंडी बीज के लिए प्रति एकड़ छह किलोग्राम बीज और संकर किस्मों के लिए दो किलोग्राम बीज प्रति एकड़ लेना पर्याप्त है।
भिंडी की सही बुवाई (What is the right way to sow lady finger)
भिंडी की बिजाई हमेशा सीधी पंक्ति में लगाना चाहिए। इसकी बिजाई उठी हुई क्यारियों में लगाना जाना चाहिए। बेड को काम से काम 15 से 20 सेंटीमीटर ऊंचा बनाकर बिजाई करनी चाहिए। ऐसा करने से सबसे अच्छा फायदा यह होता है, कि पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिलते रहते हैं, और फसल उत्पादन बढ़ता रहता है। जायद और गर्मी की बिजाई के लिए भिंडी को पंक्ति से पंक्ति 25–30 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे 15–20 सेंटीमीटर दूर होना चाहिए
कब सिंचाई करें भिंडी की खेती में
यदि खेत में पर्याप्त नमी नहीं है, तो भिंडी की फसल की बिजाई से पहले खेत में सिंचाई करना चाहिए। 8 से 10 दिन के अंतराल में, इसके बाद सिंचाई की जा सकती है। सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई या नोजल का उपयोग करना चाहिए।
कब करना चाहिए भिंडी की तुड़ाई
45 से 50 दिन के बाद भिंडी की फसल तुड़ाई के लिए तैयार होती है। भिंडी को 4 से 5 इंच का आकार और पूरी तरह से हरा रंग होना चाहिए। तुड़ाई के बाद छंटाई करके अलग-अलग विभाजित कर के मतलब भिंडी को अलग-अलग केटेगरी बनाकर बेचना चाहिए, ताकि उचित मूल्य मिल सके। इस तरह आप काम से काम समय में भिंडी की खेती कर आप अच्छा मुनाफा कर सकते हैं।
भिंडी की फसल में कितना खर्च होता है और कितना मुनाफा हो सकता है?
Okra Cultivation खेती में प्रति हैक्टेयर लगभग 55 से 60 हजार रुपए तक का खर्च होता हैं। अगर हम वहीं भिंडी की खेती से प्रति हैक्टेयर 75 से 85 क्विंटल उत्पादन मिल सकता है। साधारण तौर पर okro (भिंडी) का मार्केट का मूल्य आम तौर पर लगभग 30 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम रहता है। यही कारण है कि एक हैक्टेयर में भिंडी की खेती से किसान लगभग 3,00,000 रुपए की इन्कम कर सकते हैं।
किसान भाइयों मेरे द्वारा आपको जो जानकारी बताई गई है वह कैसी लगी आपको, कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं और अपने दूसरे किसानों को भी इस जानकारी से अवगत कराएं। और इस जानकारी को किसान भाइयो में आवश्यक शेयर करें । धन्यवाद!
Related Posts
जब फरवरी में अचानक गर्मी बढ़ती है, तो आप गेहूं को इन पांच उपायों से बचा सकते हैं
गर्मी की शुरुआत फरवरी के आगमन से होती है। तापमान कुछ राज्यों में सामान्य से 1 से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है। वहीं, शुष्क मौसम से...